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की जीने तमन्ना नहीं समाज मंजूरी नहीं चाहत नहीं होती कोई रोने की ज़ात नहीं ऐसी मंजिल चाह नहीं अल्फाजों की कोई कीमत नहीं होती।

Hindi की नहीं Poems